MADHYA PRADESH GK प्रमुख पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश भारत का हृदय प्रदेश कहलाता है | मध्यप्रदेश में अनेक ऐसे स्थान हैं जो बहुत ही धार्मिक महत्व के है इन्हीं धार्मिक महत्व के प्रमुख स्थानों को आज के इस लेख – MADHYA PRADESH GK – प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किया गया है | जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है | –
MADHYA PRADESH GK – प्रमुख पर्यटन स्थल
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अमरकंटक ( Amarkantak ) :- अमरकंटक मध्य प्रदेश राज्य के अनूपपुर जिले में स्थित एक नगर है | अमरकंटक नर्मदा नदी सोन नदी और जोहिला नदी का उद्गम स्थान है यहां हिंदुओं का पवित्र स्थल है मैकाल की पहाड़ियों में स्थित अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थल है |
यहां के मुख्य आकर्षण में नर्मदा कुंड और मंदिर, धूनी पानी गर्म पानी का झरना भी कहा जाता है, दूध धारा, कलचुरी काल के मंदिर, सोनमुड़ा, माई की बगिया ,कपिलधारा कबीर चबूतरा , सर्वोदय जैन मंदिर श्री कालेश्वर महादेव मंदिर आदि प्रमुख है |
इसे 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया |
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भोपाल(Bhopal ) – यहां मध्य प्रदेश की हृदय स्थली एवं राजधानी है| इसका पुराना नाम खोज पाल था इस नगर का निर्माण परमार वंश राजा भोज ने 10 वीं सदी में करवाया था परमार बस उसके बाद जिस नगर पर सरदार दोस्त मोहम्मद खान का शासन रहा दो प्रख्यात झील , भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड कारखाना तथा आकर्षक पहाड़ियों से घिरा हुआ यह सुंदर नगर है |
नया भोपाल श्यामला हिल्स लक्ष्मी नारायण गिरी जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है से रात्रि में शहर का दृश्य मनोरम हो जाता है|
पुराना भोपाल मस्जिदों का शहर कहलाता है | ताज -उल -मस्जिद , लक्ष्मी नारायण मंदिर , गुफा मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर ,देवरी वल्लभ संप्रदाय फिजी मंदिर, बड़वाले महादेव मंदिर एवं जैन मंदिर लालघाटी मंदिर ,नवनिर्मित भारत भवन तथा वन विहार आदि विशेष दर्शनीय स्थल है |
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चित्रकूट (Chitrakoot ) :- चित्रकूट झांसी मानिकपुर रेल मार्ग पर कर्वी स्टेशन के समीप स्थित है । जनश्रुतियों के अनुसार ब्रह्मा , विष्णु व महेश ने यह यहीं पर बाल अवतार लिए थे । वनवास के समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम यहीं पर महर्षि अत्री व सती अनुसूया के अतिथि बने । कामदगिरि , अनसूया आश्रम , भरत कूट तथा हनुमान धारा यही स्थित है 2005 में इसे पवित्र नगर घोषित किया गया |
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मैहर (Maihar ) :- सतना जिले में कटनी इलाहाबाद मार्ग पर स्थित है । संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खान की जन्म भूमि तथा आराध्य देवी शारदा मां का मंदिर यही पर स्थित है । इसे 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया |
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सांची ( Sanchi ) :- रायसेन जिले में झांसी इटारसी रेल मार्ग पर पर स्थित है यहाँ। यहाँ पर विख्यात बौद्ध तीर्थ स्थल स्थित है ।यहां तीन स्तूप हैं । बुद्ध के शिष्य सारिपुत्र और महामोग्गला की पवित्र अस्थियां इसी स्तूप में रखी है । यहां का बड़ा स्तूप 36.5 मीटर व्यास का है तथा ऊंचाई 16.4 मीटर है ।
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मुक्तागिरी (Muktagiri ):- बैतूल दिगंबर जैनियों का पवित्र तीर्थ स्थल जहां 52 मंदिर है |
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उज्जैन (Ujjain ) :- यह नगर क्षिप्रा नदी के तट पर बसा है | महाकालेश्वर मंदिर, दक्षिण में जंतर मंतर, चिंतामणि , गणेश , गोपाल जी का मंदिर, सांदीपनि का आश्रम, मंगलनाथ मंदिर,भरथरी गुफा यही पर स्थित है | यहां पर 12 वर्षों बाद कुंभ का मेला लगता है | इसे 2005 में पवित्र नगर घोषित किया |
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ओंकारेश्वर (Omnkareswar ) :- यह खंडवा से 78 तथा इंदौर से 71 किलोमीटर दूर स्थित है । मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मांधाता का नर्मदा के तट पर सुंदर मंदिर है | यहां सिद्धनाथ मंदिर 24 अवतार सन्मात्रिक तट पर मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं हैं | इसे 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया |
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बावनगजा (Bavangaja ):- बावनगजा मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध जैन है। बड़वानी से 10 किलोमीटर दूर स्थित है | यहाँ का मुख्य आकर्षण पहाड़ से काटकर निर्मित प्रथम की विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा 72 फीट ऊंची ऋषभदेव जी की प्रतिमा है। इसका निर्माण १२वीं शताब्दी में हुआ था।
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नोहटा (Nohta ) :- यह दमोह जबलपुर हाईवे रोड में स्थित है। यह मंदिर दमोह से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 12 वीं शताब्दी में चंदेलो की राजधानी गुरैया और बेरमा नदियों के संगम पर बसा है । यह नगर प्राचीन शिव मंदिर और जैन मंदिर के अवशेषों हेतु विख्यात है |
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खजुराहो (Khajuraho ) :- खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. खजुराहो के प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था. यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं. मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है|
यहां के कुछ विशेष पर्यटक स्थलों में विश्वनाथ, पार्श्व नाथ और वैद्यनाथ के मंदिरों सहित अन्य मंदिर शामिल हैं. खजुराहो का सबसे बड़ा और महान मंदिर कंदरिया महादेव का है जिसे राजा गंड ने बनवाया है. इसके अलावा बामन, आदिनाथ, जवारी, चतुर्भुज और दुल्हादेव कुछ छोटे मंदिर हैं. खजुराहो का मंदिर समूह अपनी भव्य छतों के लिए भी उल्लेखनीय है|
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पचमढ़ी (Panchmadi ) – पचमढ़ी भारत के मध्य प्रदेश राज्य के होशंगाबाद ज़िले में स्थित एक पर्वतीय पर्यटक स्थल है। यह ब्रिटिश राज के ज़माने से एक छावनी रही है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह शहर अक्सर “सतपुड़ा की रानी” कहलाता है | अप्सरा बिहार, धूपगढ़, जटाशंकर ,पांडव की गुफाएं धूपगढ़ ,चौरागढ़ एवं महादेव शिखर है सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर यहीं पर स्थित है |
चंदेरी किला , कोशक महल,परमेश्वर ताल ,ईसागढ़ ,बूढ़ी चन्देरी ,देवगढ़ किला यहीं पर स्थित है |
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चंदेरी (Chanderi ) :- मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित चंदेरी एक छोटा लेकिन ऐतिहासिक नगर है। मालवा और बुन्देलखंड की सीमा पर बसा यह नगर शिवपुरी से 127 किलोमीटर, ललितपुर से 37 किलोमीटर और ईसागढ़ से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है |चंदेरी किला , कोशक महल,परमेश्वर ताल ,ईसागढ़ ,बूढ़ी चन्देरी ,देवगढ़ किला यहीं पर स्थित है |
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पशुपतिनाथ मंदिर (Pashupatinath mandir ) :- पशुपतिनाथ की तुलना काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ से की जाती है मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ प्रतिमा अष्ट मुखी है जबकि नेपाल स्थित पशुपतिनाथ चार मुखी है
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मांडू (Mandoo) :- मांडू या मांडव गढ़ धार जिले के मांडल क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन शहर है या भारत के पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है | यहां धार शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित है |
आज एक पर्यटक स्थल के रूप में यहां पर स्थित है यहां हजारों की संख्या में पर्यटक यहां के दर्शनीय स्थलों जैसे जहाज महल ,हिंडोला महल, शाही हमाम और वास्तुकला की उत्कृष्ट उदाहरण नक्काशीदार गुम्बद देखने के लिए आते है |
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धुआंधार जलप्रपात (Dhuadhar jal prapat ) :- धुआंधार जलप्रपात भारत के मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर जिले में स्थित जलप्रपात है यह प्रपात भेड़ाघाट क्षेत्र का प्रमुख दर्शनीय स्थान है यहां नर्मदा की धारा 30 फुट के ऊपर से गिरती है जिसका जल सफेद धुएँ के समान उड़ने लगता है इसी कारण इसे धुआंधार कहते हैं |
धुआंधार जलप्रपात को यूनेस्को द्वारा 20 मई 2021 को विश्व धरोहर के रूप में सम्मिलित किया गया है |
जब नर्मदा नदी संगमरमर की चट्टानों से गुजरती हुई दोनों किनारों की ऊंची चट्टानों को चीरते हुए अपना मार्ग प्रशस्त करती है तो यह सुंदरता देखते ही बनती है |
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महेश्वर (Maheswar ) :-महेश्वर मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन जिले में स्थित एक नगर है | इस शहर की स्थापना राजा सहस्त्रार्जुन ने की थी | नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर वह भव्य घाट तथा माहेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है | घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर है जिनमें से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है | कालांतर में यह महान देवी अहिल्या बाई होल्कर की राजधानी भी रहा |
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भेड़ाघाट (Bhedaghat ) : –
यह मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर जिले में स्थित एक नगर है | यह जिले के मुख्यालय जबलपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है | यह एक पर्यटक स्थल है और यहां के धुआंधार जलप्रपात ,नर्मदा नदी के साथ स्थित संगमरमर की चट्टानें और 64 योगिनी मंदिर प्रमुख आकर्षण है |
भेड़ाघाट में संगमरमर के पर्वतों के मध्य बना धुआंधार जलप्रपात सबसे प्रसिद्ध है इस स्थल पर नर्मदा नदी 30 मीटर की ऊंचाई से गिरती है | इस प्रकार से 2 मील की दूरी तक नर्मदा का पानी संगमरमर के पर्वतों के बीच से होकर बहता है जिन्हें मार्बल रॉक्स के नाम से जाना जाता है इसी मार्ग में आगे बंदर कूदनी नामक स्थान आता है यहां दो पर्वत इतने नजदीक हैं कि बंदर कूदकर उसे पार कर सकते हैं |
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सोनागिरी (Sonagiri ) :-सोनागिरी ग्वालियर से 60 किलोमीटर दूर दतिया जिले में स्थित प्रमुख स्थान है | यह स्थान मुख्यता जैन तीर्थ स्थान है | सोनागिरी में 108 मंदिर है जिनमें क्रमांक 57 वा मंदिर मुख्य है | यह मंदिर चंद्रप्रभा भगवान की मूलनायक प्रतिमा से युक्त है जो 17 फीट ऊंची है |
यह 132 एकड़ की दो पहाड़ियों से जुड़ा है यह स्थान और यहां के मंदिर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय के पवित्रतम स्थल है |
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गोमटगिरी (Gomatgiri ) :- यह इंदौर के समीप स्थित प्रामुख जैन तीर्थ स्थल है | गोमटगिरी, पहाड़ी के बीच प्राकृतिक वातावरण में स्थित है। यह मंदिर जैन समुदाय के लोगों के बीच पूजा का स्थल है। यह मंदिर, भगवान गोमटेश्वर या बाहुबली की विशाल मूर्ति के कारण प्रसिद्ध है। यह मूर्ति, 21 फीट ऊंची है और श्रवणबेलगोला में स्थित बाहुबली की प्रतिमा की प्रतिकृति है।
गोमटगिरी एक ऐसा स्थान है जहां जैन धर्म के 24 तीर्थंकर को समर्पित 24 संगमरमर के मंदिर स्थित है। यह मंदिर देखने में बेहद सुंदर है। इस भव्य मंदिर की सुंदर सफेद दीवारें, यहां के वातावरण को बेहद शांत, सौम्य और निर्मल बनाती है जहां के आध्यात्मिक माहौल में प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है।
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अन्य प्रमुख पर्यटक स्थल – अन्य प्रमुख पर्यटक स्थलों में कान्हा नेशनल पार्क, ओरछा, नेशनल पार्क,बांधवगढ़ नेशनल पार्क, पुष्पगिरी, पावापुरी, चचाई का जलप्रपात, पीतांबरा पीठ आदि प्रमुख है
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My Point :- मध्य प्रदेश मुख्य रूप से अपने पर्यटन के लिए भी जाना जाता है राज्य ने वर्ष 2010-11 के लिए राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीता था | मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में मांडू ,धार , महेश्वर , मंडलेश्वर, भीमबेटका, पचमढ़ी, खजुराहो ,सांची स्तूप, ग्वालियर का किला और उज्जैन , रीवा जलप्रपात प्रमुख रूप से है | उज्जैन जिले में प्रत्येक 12 वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन होता है | उम्मीद करूंगा यह लेख MADHYA PRADESH GK – प्रमुख पर्यटन स्थल आपको पसंद आएगा | अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में जरूर दें |